असली प्राचीन महा इंद्रजाल | Asli Prachin Indrajal PDF

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जादू और तंत्र मंत्र की शक्तियां ही इंद्रजाल कहलाता है। दोस्तो आपने भी असली प्राचीन इंद्रजाल के बारे में जरूर सुना होगा बहुत सारे लोगों के मन में इंद्रजाल को लेकर भ्रम है कि आखिर इंद्रजाल है क्या और इसमें क्या लिखा हुआ है। इंद्रजाल नाम सही पता चल रहा है कि यह देवराज इंद्र से जुड़ा है।

भगवान इंद्र को छल कपट और धोखा देने वाला माना जाता है इसलिए इस मायावी विद्या का नाम इंद्रजाल पड़ा है।गुरु दत्तात्रेय जी को असली प्राचीन इंद्रजाल का जनक माना गया है

आज इंद्रजाल के नाम पर इससे प्रेरित बाजार में सैकड़ों पुस्तके उपलब्ध है लेकिन असली प्राचीन इंद्रजाल आज के जमाने में बहुत ही कम उपस्थित है। असली प्राचीन इंद्रजाल में मुख्यतः तंत्र के मंत्र के मोहन के मानन के वशीकरण के सम्मोहन के तरीके बताए गए हैं और इनके मिले-जुले रूप के बारे में बताया गया हैं।

हालांकि वर्तमान में असली प्राचीन इंद्रजाल के बहुत ही कम पुस्तके उपलब्ध है और अगर किसी को इसके असली तंत्र मंत्र के बारे में पता चल जाता है तो वह इन तंत्र मंत्र ओं का गलत फायदा उठा सकता है। दोस्तों यदि आप भी इस मायावी जादू पुस्तक Asli Prachin Indrajal PDF  के बारे में जानने में रुचि रुचि रखते हैं.

तो आज का हमारा यह लेख आपके लिए ही है। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको असली प्राचीन इंद्रजाल के बारे में बताएंगे और यदि आप इस पुस्तक को पूरा पढ़ना चाहते हैं तो हमारे द्वारा दी गई लिंक के जरिए ऑफिस के पीडीएफ को डाउनलोड करके से पूरा पढ़ सकेंगे। दोस्तो बने रहे अंत तक हमारे इसलिए के साथ।

Asli Prachin Indrajal PDF in Hindi

दोस्तो इंद्रजाल एक प्राचीन विद्या है जिसकी शुरुआत तो भारतवर्ष से ही हुई थी लेकिन वर्तमान के समय में यह विद्या पश्चिम के देशों तक भी पहुंच चुकी है और इसका इस्तेमाल प्रश्न के देशों में भी कई तांत्रिकों के द्वारा किया जाता है। इंद्रजाल को हम जादू विद्या भी कहते है ।

इसके अंतर्गत तंत्र-मंत्र ,मोहन ,उच्चाटन ,वशीकरण और नौ नौ प्रकार के कातक इत्यादि जैसे तंत्र मंत्र का उल्लेख प्राप्त होता है। इंद्रजाल सबसे ज्यादा काला जादू के लिए ही प्रचलित है। इंद्रजाल एक ब्रह्मविद्या है और इस विद्या के जरिए किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है और उसे अपने इशारों पर नचाया जा सकता है।

इंद्रजाल में मुख्य रूप से अनेक तंत्र मंत्र का वर्णन किया गया है जिससे हम काला जादू वशीकरण सम्मोहन को अंजाम दे सकते हैं। प्राचीन समय में मान्यताएं थी कि जब किसी राजा के साम्राज्य में दूसरी राजा आक्रमण करता था तो राजा अपने विरोधी राजा के सैनिकों को इंद्रजाल में फंसा कर हरा देते था।

कुछ लोग इस इंद्रजाल विद्या का संबंध पौराणिक काल के राजाओं के युद्ध नीति से जोड़ते हैं।तब से लेकर आज वर्तमान तक भी इस असली प्राचीन इंद्रजाल का जिक्र होता है और आज भी लोग इस पर इतनी भरोसा करते हैं।

Asli Prachin Indrajal मे क्या लिखा है? 

असली प्राचीन इंद्रजाल में उन तंत्र-मंत्र और विद्या का वर्णन किया गया है जिससे आप किसी का वशीकरण कर सकते हैं। असली प्राचीन इंद्रजाल में बताए गए तंत्र मंत्र से आप किसी के ऊपर काला जादू या किसी को अपनी और सम्मोहित भी कर सकते हैं।

साथ ही इस पुस्तक में यह भी बताया गया है कि इन तंत्र मंत्रों का हमें कभी भी दुरुपयोग नहीं करना चाहिए यदि आप इन तंत्र मंत्रों का दुरुपयोग करेंगे तो आप का विनाश निश्चित है और आपको इसकी सजा मिलेगी

इस पुस्तक में यह भी बताया गया है कि यदि आप के कामकाज या घर को कोई बांध देता है यानी कि उस पर कोई बुरी शक्ति का प्रभाव कर देता है तो आप इसमें बताए गए मंत्रों के माध्यम से अपने घर और धंधे को खोल सकते हैं यानी की बुरी शक्तियों के प्रभाव से बचा सकते हैं।

इंद्रजाल को हमेशा लोग तंत्र मंत्र और जादू से जोड़कर ही देखते हैं लेकिन वास्तविकता में यह पूरी तरह से सच भी नहीं है। इस पुस्तक में यह भी बताया गया है कि कई बार इंद्रजाल हमारे आंखो का भ्रम होता है जिसे हमारा दिमाग पकड़ नहीं पाता है और हम इसके प्रभाव में आ जाते हैं।

कहा जाता है कि रावण मेघनाद और कुंभकर्ण भी इस इंद्रजाल विद्या के ज्ञाता थे। इंद्रजीत तो इस विद्या के महा ज्ञानी थे क्योंकि वह युद्ध के मैदान में भी अपने दुश्मनों को चकमा देने में हमेशा सफल हो जाते थे। इंद्रजीत ने यह विद्या भगवान शंकर से सीखा था । इंद्रजीत को यह विद्या बहुत कड़ी तपस्या के बाद प्राप्त हुआ था।

Conclusion

आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको असली प्राचीन इंद्रजाल के बारे में बताएं और हमने आपको यह भी बताया कि इंद्रजाल विद्या क्या है। यदि आप असली प्राचीन इंद्रजाल पुस्तक को पूरा पढ़ना चाहते हैं या इसे पढ़ने में रुचि रखते हैं तो हमारे द्वारा दी गई लिंक के जरिए आप इसकी पीडीएफ को डाउनलोड करके इसे पूरा पढ़ सकेंगे। हमें पूरी उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा और यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करें एवं कमेंट में अपना विचार देना ना भूलें। धन्यवाद!

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