(अथर्व वेद) | Atharva Veda PDF Download in Hindi

Atharva Ved PDF Download

Atharva Veda PDF Download – विश्व के सबसे प्राचीन साहित्य में वेदों को माना जाता है। भारतीय संस्कृति की सनातन धर्म में वेदों को सबसे प्राचीन ग्रंथ माना गया है। वेद शब्द का अर्थ जानने से है अर्थात वेद शब्द का अर्थ ज्ञान होता है। अथर्व वेद की रचना अथवर्ण और अंगिरा ऋषि यों के द्वारा किया गया था जिस कारण अथर्ववेद को अथर्वगीरस वेद भी कहा जाता है। अथर्ववेद में कुल 20 कांड 720 सुक्त और लगभग 6000 मंत्र है। अथर्ववेद में कई महत्वपूर्ण विषयों जैसे कि ब्रह्म ज्ञान और औषधि आदि के बारे में जानकारी दी गई है।

अथर्ववेद की भाषा और स्वरूप के अनुसार ऐसा माना जाता है कि इस वेद की रचना सबसे बाद में हुई थी। यज्ञ और देव को अनदेखा करने के कारण वैदिक पुरोहित लोग अथर्ववेद को वेदों की श्रेणी में नहीं मानते थे। अथर्ववेद को वेद की उपाधि बहुत बाद में मिली। अथर्ववेद की भाषण ऋग्वेद के मुकाबले काफी अलग और नई है। अथर्ववेद की भाषा ब्राह्मण भाषा से काफी मिलती-जुलती है अथर्ववेद को 1000 वर्ष पुराना माने जा जाता है। दोस्तों यदि आप Atharva Veda Pdf Download के बारे में और जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं और इससे संबंधित लेख ढूंढ रहे हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको अथर्ववेद से जुड़ी बहुत सारी जानकारी देंगे और हम आपको अथर्ववेद की पीडीएफ को डाउनलोड करने की लिंक भी लेंगे जिससे आप अथर्ववेद को डाउनलोड करके पूरा पढ़ सकेंगे।तो बने रहिए दोस्तों अंत तक हमारे इस लेख के साथ।

Book Name                Atharva Veda 
Author                   अथवर्न और अंगिरा ऋषि 
Kand       20
Shukt              लगभग 720 
Downloads             6537 downloads 

Atharva Veda PDF Download in Hindi

सनातन संस्कृति में कुल चार वेद हैं जिन्हें सबसे प्राचीन इतिहास का मूल ग्रंथ माना गया है। इन वेदों में ब्रह्मांड मनुष्य जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानकारी दिया गया है। इन वेदों से ही मानव सभ्यता का उद्गम और मनुष्य जीवन की यात्रा की जानकारी प्राप्त होती है। वेदों की गिनती की श्रृंखला में अथर्ववेद सबसे अंतिम और चौथा वेद माना गया है।अथर्ववेद एक ऐसा वेद जिसे बहुत लंबे समय तक वेदों की श्रेणी में नहीं माना जाता था। लंबे समय तक वैदिक पुरोहित लोगों के द्वारा यज्ञ और देव को अनदेखा करने के कारण अथर्ववेद को वेद की श्रेणी में नहीं रखा जाता था। बहुत समय पश्चात अथर्ववेद को वेदों की श्रेणी में स्थान मिला इसलिए अथर्ववेद को हम सब से नया वेद भी कह सकते हैं।

अथर्ववेद के अन्य विशेषताओं के बारे में बताएं तो इसमें ऋग्वेद और सामवेद से भी काफी मंत्र लिए गए हैं। जादू से संबंधित मंत्र तंत्र भूत पिचास राक्षस आदि कई महत्वपूर्ण और भयानक शक्तियां इस वेद के महत्वपूर्ण विषयों में हैं। ऋग्वेद के उच्च देवताओं को इसमें विशेष स्थान प्राप्त हुआ है। धर्म के इतिहास की दृष्टि से ऋग्वेद और अथर्ववेद का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि धर्म से जुड़ी बातें और मानव इतिहास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण जानकारियां हमें इन्हीं वेदों से प्राप्त होती है। अथर्ववेद में ब्रह्म ज्ञान औषधि जीवन निराकार जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों के बारे में उल्लेख किया गया है।

Atharva Veda मे क्या लिखा है?

अथर्ववेद में सर्वाधिक प्राकृतिक आयुर्विज्ञान के बारे में जानकारी दी गई है। इसके अलावा जीव विज्ञान औषधि के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्राप्त होती है । अथर्ववेद में ही सबसे पहले राष्ट्रीय भावना का व्याख्यान प्राप्त होता है। अथर्ववेद के एक सूक्त में मानव शरीर के बारे में विस्तृत जानकारियां दी गई है जिसमें मानव शरीर की रचना और उसके विज्ञान का प्रशंसा किया गया है और बताया गया है कि एक मानव शरीर इसलिए भी प्रशंसा लायक है क्योंकि यह बहुत सारे तंत्रों से मिलकर बना है और जब सभी तंत्र साथ में काम करते हैं तभी एक मानव शरीर पूर्ण हो पाता है। आयुर्वेद का उत्पत्ति भी अथर्ववेद से ही माना जाता है लेकिन शास्त्रों के द्वारा इस बात का समर्थन नहीं मिलता है।

अथर्ववेद सही हमें ज्ञान होता है कि इसके बाद लोगों ने भूत पिछास और तंत्र मंत्र को मानना शुरू कर दिया था और लोग चमत्कारों में विश्वास करने लगे थे।

हिंदू धर्म में पृथ्वी को माता और देवी के नाम से पुकारा जाता है। कई ऐसे अनेक महत्वपूर्ण धर्म ग्रंथ है जिसमें पृथ्वी को माता और देवी के नाम से पुकारा गया है इतना ही नही आज भी लोग जब कोई मांगलिक कार्य की शुरुआत करते हैं सबसे पहले पृथ्वी के साथ-साथ नवग्रह की पूजा की जाती है उसके साथ साथ पेड़-पौधे प्रकृति की पूजा की जाती है। हमारे ऋषि मुनि ने पृथ्वी और इस प्रकृति को जिंदा और चलता फिरता माना है। हिंदू धर्म की पूजा पद्धति पूरी तरह से वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रेरित है। इन्हीं कारणों से हिंदू धर्म सिर्फ एक धर्म ही नहीं बल्कि एक ऐसे जीवन शैली है जो इंसानों को प्रकृति से जोड़े रखती है। अथर्ववेद में बहुत सारी ऐसी वैज्ञानिक बातों को बताया गया है जो आज के जमाने में भी सच और सही साबित हुए हैं। अथर्ववेद में बताए गए आयुर्वेद और औषधि के उपचार आज के जमाने में भी उतने ही कामगार साबित हुए हैं।

Conclusion 

आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको अथर्ववेद के बारे में बताया। हमारे द्वारा दी गई लिंक के जरिए आप अथर्ववेद के पीडीएफ को डाउनलोड करके इसे पूरा पढ़ सकेंगे।

हमें पूरी उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा और आपके काम आया होगा यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करें एवं कमेंट में अपना विचार देना ना भूलें।

धन्यवाद

Leave a Comment