Ayurveda Jadi Booti Rahasya Hindi PDF Book – आयुर्वेदा के बारे में तो हम सब जानते ही हैं आज हमारे जीवन में आयुर्वेदा का बहुत ही महत्व है । आयुर्वेदिक दवाओं का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि यह हमारे शरीर को एलोपैथिक दवाओं के मुकाबले बहुत ही कम नुकसान पहुंचाता है और यह हमारे शरीर को शुद्ध रखता है। आयुर्वेदिक की दवाई जड़ी बूटी से बनी होती है जो पूरी तरह प्राकृतिक होती है। आयुर्वेद जड़ी बूटी रहस्य ऐसे ही पुस्तक है जिसमें आयुर्वेदा के बारे में ज्ञान दिया गया है और आयुर्वेदा में प्रयोग होने वाली जड़ी बूटियों के बारे में बताया गया है। आयुर्वेद जड़ी बूटी रहस्य को आचार्य बालकृष्ण जी के द्वारा लिखा गया है।
आचार्य बालकृष्ण जी के द्वारा लिखी गई पुस्तक आयुर्वेद जड़ी बूटी रहस्य पूरी तरह से आयुर्वेदिक के सिद्धांतों पर आधारित है। इस पुस्तक को हिंदी भाषा में बहुत ही साधारण तरीके से लिखा गया है ताकि हर कोई पढ़कर इसमें बताई गई आयुर्वेदिक ज्ञानाे को समझ सके और अपने जीवन में आयुर्वेदिक और जड़ी बूटी दवाओं का इस्तेमाल कर सके। यदि आप भी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो यह पुस्तक आपके लिए बहुत ही अच्छा रहेगा आपको इसे जरूर पढ़ना चाहिए। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि Ayurveda Jadi Booti Rahasya Hindi PDF Book में आयुर्वेद के बारे में क्या जानकारी दी गई है यदि आप भी इस पुस्तक के बारे में जानना चाहते हैं तो बने रहिए आज के हमारे इस लेख के साथ।
Book Name | Ayurveda Jadi Booti Rahasya |
Author | Acharya Balkrishna |
Language | Hindi |
Part | Three |
Downloads | 6537 downloads |
Ayurveda PDF Book in Hindi
आयुर्वेद दो शब्दों से बना है आयु और वेद। आयुर्वेद का अर्थ होता है आयु के लिए जान होना। आयु के लिए जाने की उम्र को पाने के लिए अपनी उम्र को बढ़ाने के लिए जो उपाय होता है जो इलाज होता है उसे आयुर्वेद कहते हैं। आयुर्वेद सिर्फ जड़ी बूटी प्राकृतिक दवाओं से ही प्रभावित नहीं है बल्कि आयुर्वेद पूरी की पूरी जीवन पद्धति है हर इंसान के जीवन में आयुर्वेद शामिल है आयुर्वेद के बिना हमारा जीवन पूरा ही नहीं हो सकता।
वैदिक काल में ऋषि मुनियों इंसानों के शरीर को समझा और आयुर्वेद को इंसानों के शरीर के हर एक अंग से जोड़ कर देखा। वैदिक काल से ही देखा गया है कि ऋषि-मुनियों ने हमारे शरीर के उपचार के लिए प्रकृति से जुड़ी चीजों का उपयोग किया और उनसे ही दवा बनाकर जड़ी बूटी के रूप में इंसानों के शरीर के हर एक अंग का इलाज किया। ऋषि-मुनियों ने आयुर्वेद के जरिए किसी भी व्यक्ति की आयु के अनुसार यानी कि उसकी उम्र के अनुसार उसके खानपान का विधान किया यही नहीं ऋषि-मुनियों ने रितु यानी कि मौसम के अनुसार इंसानों के लिए खानपान का विधान किया। आज हमारे जीवन में मसाले स्वाद के कारण है लेकिन प्राचीन काल में मसाले हमारे सेहत के कारण थे।
Ayurveda Jadi Booti Rahasya PDF
दोस्तों इस पुस्तक को आचार्य बालकृष्ण जी के द्वारा लिखी गई है और पतंजलि के द्वारा प्रकाशित की गई है। इस पुस्तक को तीन भागों में लिखा गया है ।इस पुस्तक के जरिए आचार्य बालकृष्ण जी ने आयुर्वेद के ज्ञान को सभी लोगों तक पहुंचाने का कार्य क्या है। हम अपने धर्म शास्त्रों और वेदों में भी आयुर्वेद का वर्णन पाते हैं लेकिन हर कोई इन शास्त्रों और वेदों से आयुर्वेद का ज्ञान नहीं ले पाता क्योंकि यह रचनाएं ज्यादातर संस्कृत भाषा में है। आचार्य बालकृष्ण जी ने इस पुस्तक के जरिए आयुर्वेद और जड़ी बूटी के बारे में हिंदी में लिखा है ताकि सभी लोग इसे आसानी से पढ़ कर समझ सके।
आयुर्वेद जड़ी बूटी रहस्य पुस्तक का सबसे अच्छी बात यह है कि इस पुस्तक में आचार्य बालकृष्ण जी ने हमें चित्र के माध्यम से ज्ञान देने की कोशिश की है। इस पुस्तक में बहुत ही बारीकी से सभी पौधे फलों और हमारे प्रकृति में पाए जाने वाले पेड़ पौधे के बारे में बताया गया है और बताया गया है कि किस फल से हमें कौन सी आयुर्वेद की दवा प्राप्त होती है। इस पुस्तक में यह भी बताया गया है कि कौन से फल और पौधे शिवम कौन सी जड़ी बूटी की दवा बना सकते हैं और उसका हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता हैं।
इस पुस्तक में बहुत ही विस्तार से बताया गया है कि हमारे प्रकृति में पाए जाने वाले हरेक पौधों में कौन सी रसायनिक गुण होती है और उसका इस्तेमाल हम अपने शरीर के उपचार के लिए कैसे कर सकते हैं और कितनी मात्रा में हमें इसकी सेवा लेनी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति इस पुस्तक को ध्यान से पड़ता है तो उसे आयुर्वेद के बारे में बहुत सारी जानकारी प्राप्त हो जाएगी।
Conclusion
आज के इस लेख के माध्यम से हम Ayurveda Jadi Booti Rahasya Hindi PDF Book के द्वारा लिखी गई पुस्तक आयुर्वेद जड़ी बूटी रहस्य के बारे में बताया। दोस्तों यदि आप भी आयुर्वेद और जड़ी बूटी में रुचि रखते हैं और जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आचार्य बालकृष्ण जी के द्वारा लिखी गई है पुस्तक को हमारे द्वारा दी गई लिंक के जरिए आप इसके पीडीएफ डाउनलोड करके इसे पूरा पढ़ सकेंगे।
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