
गोदान मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा रचित एक स्मरणीय उपन्यास है जिसे सर्वत्र सम्मानित नजर से देखा जाता है। Godan Full PDF Download in Hindi का प्रकाशन उन्होंने 1936 में किया था और इसका मुख्य किरदार एक किसान होरी है। इस पुस्तक की सहायता से प्रेमचंद जी भारतीय किसानों की अवस्था एवं आर्थिक स्थिति की टूटी हुई क़मर दिखाना चाहते हैं। इस उपन्यास में किस तरह एक भारतीय किसान अपनी इच्छाओं को मारकर निराशा से घिरे हुए अपने परिवार का बोझ चलाता है यह देखने को मिलेगा।
गोदान एक भारतीय किसान होरी की कहानी है। इस कहानी में भारत के गरीब किसानों की आर्थिक स्थिति का वर्णन किया गया है। Godan Full PDF Download in Hindi में कुल 328 पृष्ठ है। गोदान का सर्वप्रथम प्रकाशन हिन्दी ग्रन्थ रत्नाकर कार्यालय, बम्बई में हुआ था। 1936 से लेकर आज तक गोदान को हिंदी विषय का एक बहुत ही उत्तम उपन्यास माना जाता है। Godan Full PDF Download in Hindi को आप नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए डाउनलोड कर सकते हैं।
Book name | Godan |
Book Author name | Munshi Premchand |
PDF size | 26.9MB |
Pages | 370 |
Category | उपन्यास(Novel) |
Language | Hindi |
Sources | archive.org |
About Godan
यह उपन्यास प्रेमचंद की एक महान रचना है जिसमें भारत के किसानों की स्थिति पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया है। इतना ही नहीं बल्कि इस उपन्यास के माध्यम से प्रेम चंद जी हमें यह भी समझाना चाहते हैं कि भारतीय किसानों के जीवन में उनकी पशु की क्या महत्वता होती है। इस उपन्यास को पढ़ने के बाद आप यह समझ पाएंगे कि कैसे एक गरीब किसान कर्ज और लगान के नीचे दबकर जीने पर मजबूर हो जाता है पर हिम्मत नहीं हारता है। कहानी मे होरी की पत्नी धनिया इन सभी व्यवस्थाओं के खिलाफ बार-बार आवाज उठाती है पर आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण उसकी आवाज को भी दबा दिया जाता है।
गोदान का सारांश
गोदान एक भारतीय किसान होरी की कहानी है। इस कहानी में पूरी की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है एवं सभी लोग बहुत गरीब है। होरी की पत्नी का नाम धनिया एवं उसके बेटी का नाम गोबर है।
होरी को उसके मित्र भोला ने एक गाय दी है जिसके बदले भोला ने होरी से चारा लिया है। होरी का एक भाई भी है जिसे लगता है कि बंटवारे में हिस्सा ना देकर उसके हिस्से की जमीन को बेचकर होरी ने इस गाय को खरीदा है इसलिए वह गाय को जहर देकर मार डालता है।
उधर होरी का बेटा गोबर भोला की विधवा बेटी झूनिया के साथ संबंध बनाकर उसे गर्भवती करके गांव छोड़कर शहर भाग जाता है। अपने बेटे की गलती का भुगतान करके होरी और धनिया झूनिया को अपने घर की बहू मान लेते हैं और कुछ समय बाद झूनिया एक बच्चे को जन्म देती है।
इस बात से नाराज होकर भोला अपनी गाय को वापस लेने आता है तो उसे पता चलता है उसके गाय की मृत्यु हो चुकी है जिसके बदले में पैसे मांगने लगता है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण होरी के पास पैसे नहीं है जिस वजह से वह अपने बैलों का जोड़ा भोला को सौंप देता है।
कुछ समय बीतने के बाद गोबर शहर से वापस आता है और अपनी पत्नी झुनिया और अपने बच्चे को होरी और अपनी माता धनिया के पास से शहर ले कर चला जाता है। वह शहर में काम करता है और अब वही रहने लगा है।
हालातों को बिगड़ता देखकर होरी दिन पर दिन और मेहनत करने लगता है परंतु बूढ़ा होने के कारण इस मेहनत का असर उसके स्वास्थ्य पर पड़ता है। अब हुई बीमार है और खटिए पर रहने लगा है।
एक दिन होरी अपनी पत्नी धनिया को पास बिठाकर कहता है मेरी इच्छा थी कि मैं तुम्हारे लिए एक गाय खरीद हूं पर मैं तुम्हारे लिए गाय ना ला सका। यहां तक कि जो भी पैसे मैंने बचाएं हैं वह सब मेरे अंतिम संस्कार में ही लग जाएंगे इसके लिए मुझे माफ कर दो।
यह सब बातें कह कर होरी वापस अपने खटिए पर लेट जाता है। कुछ समय बीतने पर होरी की मृत्यु हो जाती है और इस प्रकार इस कहानी का अंत होता है।
munshi premchnad ji srvoauch lekhak hai
Mujhe godan novel behad pasand hai