मत्स्य पुराण | Matsaya Puran PDF in Hindi

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Matsaya Puran PDF in Hindi – मत्स्य पुराण हिंदू धर्म के 18 महत्वपूर्ण पुराणों में से एक है। गिनती की दृष्टि से पुराणों की श्रेणी में मत्स्य पुराण का 16 वा स्थान है। मत्स्य पुराण में भगवान श्री विष्णु जीके मत्स्य अवतार की कथाओं का वर्णन किया गया है। मदद से पुरान को महर्षि वेदव्यास जी के द्वारा संस्कृत भाषा में लिखा गया था। वही बात करें श्लोकों की संख्या की तो इसमें कुल 14000 श्लोक है जबकि कुल 291 अध्याय है। मत्स्य पुराण के प्राचीन संस्कृत में 19000 लोग प्राप्त होते हैं लेकिन वर्तमान में इसके 14000 श्लोक ही ज्ञात है।

मत्स्य पुराण के 14000 लोगों में भगवान श्री विष्णु जी के मत्स्य अवतार की कथाओं का वर्णन किया गया है। मत्स्य अवतार लेकर श्री विष्णु जी ने ऋषि-मुनियों को जो उपदेश दिए थे उन्हीं कथाओं को इस पुराण में समाहित किया गया है। वही इसके साथ मत्स्य पुराण में जल प्रलय और कलयुग के राजाओं की सूची का भी वर्णन बहुत ही विस्तार रूप में किया गया है। दोस्तों यदि आप भी Matsaya Puran PDF Download की कथा के बारे में जानना चाहते हैं और इससे संबंधित आप इंटरनेट पर आर्टिकल ढूंढ रहे हैं तो आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए ही है क्योंकि आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि मत्स्य पुराण क्या है और हम आपको मदद से पुराण की पीडीएफ का लिंक भी प्रदान करेंगे जिससे आप इस वीडियो को डाउनलोड करके आसानी से पढ़ सकेंगे। तो बने रहिए अंत तक हमारे इस आर्टिकल के साथ।

Book Name Matsaya Puran 
Author वेदव्यास
 Chapter 291
Shloks              लगभग 14000 श्लोक 
Downloads             6537 downloads 

Matsaya Puran PDF in Hindi

इस पुराण की कथा को स्वयं भगवान श्री हरि ने कहा हैमत्स्य पुराण में भगवान श्री विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा को बहुत ही विस्तार रूप में बताया गया है। मत्स्य अवतार भगवान श्री विष्णु जी का पहला अवतार था। मत्स्य अवतार यानी कि एक मछली के अवतार लेकर भगवान श्री विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार की जीव जंतुओं के बारे में जानकारी एकत्रित करने के लिए कहते हैं। बताया जाता है कि पृथ्वी जब जल में डूब रही होती है तब भगवान श्री विष्णु मत्स्य अवतार लेकर उस ऋषि की नाव की रक्षा करते हैं इसके पश्चात भगवान ब्रह्मा ने उन्हें फिर से जीवन दिया था। एक दूसरी मान्यता के अनुसार यह भी कहा जाता है कि एक राक्षस ने सभी वेदों को चुराकर सागर की गहराइयों में उसे छिपा दिया था तब भगवान श्री विष्णु ने मत्स्य अवतार लेकर वेदों को वापस लाया और पुनः वेदों की स्थापना किया था।

मत्स्य अवतार की कथा को लेकर मत्स्य पुराण में बताया गया है कि एक बार ब्रह्मा जी के असावधानी के कारण एक बहुत बड़े राक्षस ने वेदों को चुरा लिया था जिसके कारण ज्ञान इस दुनिया से विलुप्त होते जा रहा था चारों और अज्ञानता फैलती जा रहा था अज्ञानता के कारण चारों लोक में अंधेरा सा छा गया था तब भगवान श्री विष्णु ने मत्स्य यानी की मछली का अवतार लेकर वेदों की रक्षा कर उन्हें फिर से स्थापित किया था। मत्स्य पुराण परम पवित्र पुराण होने के साथ-साथ यह पुराणों में श्रेष्ठ स्थान रखता है।

Matsaya Puran me kya likha hai

मत्स्य पुराण में भगवान के 10 प्रमुख रथो के बारे में बताया गया है और इसके साथ-साथ नवग्रह के बारे में भी बहुत ही विस्तार से जानकारी दी गई है। मत्स्य पुराण में मत्स्य पुराण में त्रेता युग से लेकर द्वापर युग होकर कलयुग तक पहुंचने की कथा वृतांत है एवं इसकी विधि बताई गई है। यह एकमात्र ऐसी पुराण है जिसमें त्रेता युग से लेकर कलयुग तक के सफर को पूरी अच्छी तरीके से बताया गया है।

इसमें नरसिंह अवतार की कथा के बारे में भी अच्छे से बताया गया है इसके साथ साथ भगवान विष्णु के वामन रूप में अवतरित होने की कथा का भी वर्णन किया गया है। इसमें पृथ्वी के उद्धार की कथा का विवरण किया गया है। इस प्रकार मत्स्य पुराण धर्म-कर्म काम मोक्ष को प्राप्त करने का सरल समाधान प्रदान करता है। मत्स्य पुराण में राजा ययाति का चरित्र वर्णन अर्जुन का चरित्र वर्णन भगवान विष्णु के 10 अवतार का वर्णन शुरू वंश का वर्णन वासन वंश का वर्णन ध्रुव की महिमा का वर्णन पितरों की महिमा चारों युगों की उत्पत्ति शिव को प्रसन्न करने का वर्णन आदि जैसे महत्वपूर्ण विषयों के बारे में बहुत ही विस्तार से बताया गया है। इसके अलावा शिव पार्वती की विवाह की कहानी तारकासुर का वध कवर नैन जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों के बारे में बहुत विस्तार से बताया गया है।

मत्स्य पुराण में बताया गया है कि जो भी इसका श्रवण ध्यान से और पवित्र मन से करता है उसके सभी दुख एवं कष्ट दूर होते हैं और उनके जीवन में कल्याण होता है। किस पुराण में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति पूरे पवित्र मन से इस पुराण की कथा को 1 दिन भी सुन ले तो वह सारे पापों और बुरे कर्मों से छुटकारा प्राप्त कर लेता है।

Conclusion

आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको बताया कि मत्स्य पुराण क्या है और इसका महत्व क्यों है। आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको मत्स्य पुराण की पीडीएफ भी प्रदान की है जिसे डाउनलोड करके आप मत्स्य पुराण को पूरा पढ़ सकेंगे।

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