
Narad Puran PDF Download – नारद पुराण हिंदू धर्म के 18 महत्वपूर्ण पुराणों में से एक है। नारद पुराण की कथा को स्वयं महर्षि नारद जी के मुख से कहा गया था। पुरानी की गिनती में नारद पुराण का छठा स्थान है।नारद पुराण एक वैष्णव पुराने जिसके श्रवण मात्र से ही मनुष्य के सारे पापों का नष्ट हो जाता है। नारद पुराण को महर्षि वेदव्यास जी के द्वारा संस्कृत भाषा में लिखा गया था। नारद पुराण में कुल 207 अध्याय है जबकि इसमें श्लोकों की संख्या की बात करें तो कुल 25000 श्लोक हैं।
माना जाता है कि नारद पुराण की कथा का पवित्र मन से श्रवण करने से पापी से पापी इंसान भी सभी पापों से मुक्त हो जाता हैं। इस पुराण में पापियों का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि जो इंसान मदिरापान करता है ब्रह्म हत्या करता है चोरी करता है आदि उन्हें पापी मान जाता है। नारद पुराण का प्रतिपाद्य विषय विष्णु भक्ति है और इस पुराण की कथा को स्वयं महर्षि नारद जी के मुख से कहा गया है। नारद जी ब्रह्माजी के मानस पुत्र हैं। नारद पुराण में सदाचार एकाग्रता महिमा जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों के बारे में बहुत विस्तार से वर्णन किया गया। दोस्तों यदि आप भी Narad Puran PDF Download की कथा के बारे में जानना चाहते हैं तो आज आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको नारद पुराण की कथा के बारे में बताएंगे और इसकी पीडीएफ भी उपलब्ध कराएंगे से डाउनलोड करके आप नारद पुराण की कथा को पूरा पढ़ सकेंगे। तो बने रहिए अंत तक हमारी इस लेख के साथ।
Book Name | Narad Puran |
Author | वेदव्यास |
Chapter | 207 |
Shloks | लगभग 25000श्लोक |
Downloads | 6537 downloads |
Narad Puran PDF in Hindi
नारद पुराण की कथा को पूर्व भाग और उत्तर भाग के रूप में विभक्त किया गया है । नारद पुराण कि 25000 लोगों को पूरा भाग और उत्तर भागों में बांटा गया है। पूर्व भाग में नारद जी कथा के श्रोता है और सनत कुमार सनातन इस कथा के वक्त है जबकि उत्तर भाग के वक्ता स्वयं महर्षि नारद जी हैं और मांधाता जी श्रोता है। नारद पुराण सुनने से जीव के सारे पापों की मुक्ति होती है और इंसान के धर्म में वृद्धि होती है। नारद पुराण की कथा करने एवं सुनने से निश्चित नारद जी की प्राप्ति होती है। नारद पुराण में बताया गया है कि जिसे नारद जी के दर्शन हो जाते हैं उन्हें नारायण के दर्शन अवश्य होते हैं अर्थात उन्हें भगवान के दर्शन अवश्य होते है।
नारद पुराण के शुरुआत में ही ऋषिगन सूतजी से पांच प्रमुख प्रश्न पूछते है जिसमें पहला प्रश्न पूछते हैं कि भगवान श्री हरि विष्णु जी को प्रसन्न करने का सरल उपाय क्या है, मनुष्य को मोक्ष किस प्रकार प्राप्त हो सकता है, भगवान के भक्तों का स्वरूप कैसा होना चाहिए और भक्ति से इंसान को क्या लाभ होता है, अतिथियों का स्वागत सत्कार कैसे करें और अंतिम प्रश्न पूछते हैं कि वर्णो और आश्रमों का वास्तविक स्वरूप क्या होता है। सूत जी ने इन सभी सवालों का उत्तर सीधा नहीं दिया बल्कि सनत कुमार के माध्यम से बताया कि भगवान श्री हरि विष्णु ने अपने अपने दक्षिण भाग से ब्रह्मा और बाएं बाग से भगवान श्री शिव को प्रकट किया । लक्ष्मी दुर्गा सरस्वती आदि यह सभी शक्तियां भगवान श्री विष्णु जी की ही हैं। सूत जी इन सभी सवालों का जवाब देते हुए कहते हैं कि भगवान श्री विष्णु को प्रसन्न करने का सरल उपाय यह है कि इंसान श्रद्धा भक्ति और सदाचार का पालन करें जो इंसान निष्काम रूप से भक्ति सदाचार और अपने बुराइयों के खिलाफ लड़ता है भगवान श्री विष्णु से प्रसन्न होते हैं।
Narad Puran मे क्या लिखा है?
नारद पुराण में वर्णों और आश्रमों का महत्व प्रतिपादित करते हुए ब्राह्मणों को चारों लोगों में सबसे श्रेष्ठ माना गया है। नारद पुराण में बताया गया है कि ब्राह्मणों से भेंट होने पर उनका चरण स्पर्श करना चाहिए और इसमें क्षत्रियों को ब्रह्मनों की रक्षा की जिम्मेदारी दी गई है।
नारद पुराण में गंगा अवतरण की कथा और गंगा के किनारे बसे तीर्थ स्थलों को बहुत ही विस्तार रूप से बताया गया है और इसकी विवेचना की गई है। नारद पुराण में व्रत महात्मा और तीर्थ महत्व के बारे में विशेष रुप से बताया गया है। शंकर वेदांत का प्रभाव भी इस पुराण में काफी दिखाई पड़ता है। नारद पुराण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें 18 पुराणों की अनुक्रमणिका प्राप्त होती है। इस पुराण में मंत्रों के रंग अर्थ के ऊपर भी विशेष रूप से प्रभाव दिया गया है एवं सभी मंत्रों का अर्थ का वर्णन भी किया गया है। इसके साथ-साथ नारद पुराण में गणेश भगवान की पूजा की कथा और यज्ञ हवन के बारे में भी जानकारी दी गई है। बात करें व्याकरण की तो नारद पुराण में शब्दों के रूप एवं उनकी स्थिति की विवेचना भी बहुत ही विस्तार रूप में किया गया है। शब्दों के गुण और योगिक विशेषताओं के बारे में भी बताया गया।
Conclusion
आज इस लेख के माध्यम से हमने आपको नारद पुराण के बारे में बताया। यदि आप नारद पुराण की कथा को पूरा पढ़ना चाहते हैं तो हमारे द्वारा दी गई पीडीएफ को डाउनलोड करके आप नारद पुराण की कथा को पूरा पढ़ सकेंगे।
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