Sankshep Sikh Itihas By Prof Pyara Singh Padam Hindi PDF Book – आज के इस लेख के माध्यम से हम हमारे देश के सिख धर्म के इतिहास के बारे में जानेंगे। प्रोफेसर प्यारा पदम सिंह जो अपने ऐतिहासिक लेखनी के कारण मशहूर है इन्होंने सिख इतिहास के ऊपर एक पुस्तक लिखी है। प्रोफेसर प्यारा पदम सिंह जी ने संक्षेप सिख इतिहास के नाम से एक पुस्तक लिखा है जिसमें उन्होंने सिखों के इतिहास के बारे में बहुत ही विस्तार से बताया है।
सिख धर्म हमारे देश के सबसे दयालु धर्मों में से एक है सिख धर्म के लोग हमेशा आपदा में लोगों के मदद के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। सिख धर्म की जनसंख्या का प्रतिशत मात्र 2% है इसके बावजूद भी यह लोग हमारे देश के सभी क्षेत्रों में आगे रहते हैं और देश और समाज के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। दोस्तों यदि आप भी सिख धर्म के इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं तो आज का हमारा ही है लेख आपके लिए ही है। आज के इस लेख के माध्यम से हम Sankshep Sikh Itihas By Prof Pyara Singh Padam Hindi PDF Book के बारे में जानेंगे यदि आप भी इस पुस्तक को पूरा पढ़ना चाहते हैं तो हमारे द्वारा दी गई लिंक के जरिए आप इस पुस्तक की पीडीएफ को डाउनलोड करके इसे पूरा पढ़ सकेंगे। दोस्तों बने रहिए अंत तक हमारे इस लेख के साथ।
Book Name | Sankshep Sikh Itihas |
Author | Prof pyara padam singh |
Language | Hindi |
Part | One |
Downloads | 6537 downloads |
Sankshep Sikh Itihas PDF Download
सिख धर्म की शुरुआत आज से लगभग 500 वर्ष पहले वर्तमान के पाकिस्तान और भारत देश के पंजाब वाले क्षेत्र में हुआ था। सिखों का इतिहास शुरू से ही बहुत ही गौरवान्वित रहा है। पंजाब की यह जमीन इतिहास की दृष्टि से भी बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण मानी जाती है। दुनिया की सबसे प्राचीन मानव सभ्यता की शुरुआत भी इसी पंजाब की जमीन में हुई थी। पंजाब की इस जमीन पर सभी धर्मों के लोगों ने अपनी अपनी छाप छोड़ी है। सिंधु घाटी सभ्यता के समय यहां सभी धर्मों के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते थे।
आज पूरी दुनिया में सिखों की जनसंख्या मात्र तीन करोड़ के आसपास है और इसमें से भी दो करोड़ से भारत में रहते हैं। हमारे देश के पंजाब राज्य में सिखों की जनसंख्या लगभग 60% तक है इसके अलावा भी सीख दुनिया के कई देशों में फैले हुए हैं जैसे कि इंग्लैंड कनाडा ऑस्ट्रेलिया। दोस्तों सीखो में कुल 10 गुरु हुए हैं और सिख धर्म पूरी तरह से इन गुरुओं की शिक्षा में ही आधारित है। सिख धर्म के दसों गुरु का अपना-अपना महत्व है और सभी ने सिख धर्म का प्रचार किया है और लोगों के बीच सिख धर्म की शिक्षा को पहुंचाया है लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध और महत्वपूर्ण गुरु नानक देव जी को माना जाता है। गुरु नानक देव जी को ही सीखो का सबसे पहला गुरु और सिख धर्म के संस्थापक के रूप में जाना जाता है। गुरु नानक देव जी का जन्म सन 1469 में पंजाब राज्य में हुआ था। वर्तमान में यह स्थान पाकिस्तान में पड़ता है।
प्रोफेसर प्यारे पदम सिंह जी ने इस पुस्तक में सिक्खों के प्रथम गुरु गुरु नानक देव जी के बारे में पूरी विस्तार से बताया है एवं उनके बचपना को भी बहुत अच्छे से बताया है। गुरु नानक देव जी बचपन से ही सभी से विनय थे उनका विचार उनकी बोलने की शैली और लोगों से उनका संबंध बहुत भिन्न था। कुछ सालों बाद गुरु नानक देव सुल्तानपुर चले गए थे और वहां साहिब भंडार की देखरेख कर नौकरी करने लगे थे। या नौकरी के दौरान ही गुरु नानक देव जी ने लोगों के बीच फैली हुई नफरत भ्रष्टाचार जात पात को दूर करने का काम शुरू कर दिया था और लोगों के बीच यह संदेश देते थे कि सभी मनुष्य बराबर है हमें आपस में जात पात के नाम पर कभी भी बंटवारा नहीं करना चाहिए। लोगों के बीच फैली असमानता है और जज्बात के नाम पर बंटवारा को देखकर गुरु नानक देव जी काफी दुखी हुआ करते थे और उन्होंने उसी समय ठान लिया था कि लोगों के बीच एलीइस समानताएं भ्रष्टाचार को दूर कर ही मानेंगे।
Conclusion
दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से हमने प्रोफेसर प्यारा पदम सिंह जी के द्वारा लिखी गई संक्षिप्त इतिहास पुस्तक के बारे में जाना। इस पुस्तक में प्रोफेसर प्यारा पदम सिंह जी ने सिखों के इतिहास के बारे में पूरे विस्तार से बताया है। यदि आप इस पुस्तक को पूरा पढ़ना चाहते हैं तो हमारे द्वारा दी गई लिंक के जरिए आप इस पुस्तक की पीडीएफ को डाउनलोड करके इसे पूरा पढ़ सकेंगे।
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