Varah Puran PDF Download – सनातन धर्म 18 महत्वपूर्ण पुराने जिनमें सृष्टि की रचना से लेकर सृष्टि के अंत तक का वर्णन किया गया है। वराह पुराण इन्हीं 18 महत्वपूर्ण पुराणों में से एक है। वराह पुराण एक वैष्णव पुराण है जिसमें भगवान विष्णु के 10 अवतारों में से एक का वर्णन विस्तार रूप में किया गया है। वराह पुराण को ऋषि वेदव्यास जी के द्वारा संस्कृत भाषा में लिखा गया था। वराह पुराण में 270 अध्याय है और लगभग 10,000 श्लोक हैं। इन 10000 श्लोकों में भगवान वराह के महिमा का वर्णन कथाओं के रूप में किया गया है।
वराह पुराण में भगवान विष्णु के 10 महत्वपूर्ण अवतारों में से वराह अवतार का वर्णन किया गया है। भगवान विष्णु ने सृष्टि के उद्धार के लिए वराह अवतार लिया था। वराह पुराण में भगवान विष्णु के इसी वराह अवतार की विस्तृत व्याख्या की गई है। वराह पुराण पूरी तरह से एक योजनाबद्ध तरीके से लिखा गया पुराण है। वराह पुराण में पुराणों के सभी लक्षण समाहित है और मुख्य रूप से इसमें तीर्थ स्थलों के महिमा का विस्तृत व्याख्या किया गया है। दोस्तों यदि आप भी वराह पुराण के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आज का हमारा यह लेख आपके लिए है। आज हमारे द्वारा दी गई लिंक के जरिए आप Varah Puran PDF Download कर सकेंगे, तो बने रहिए दोस्तों अंत तक हमारे इस लेख के साथ।
Book Name | Varah Puran |
Author | ऋषि वेदव्यास |
Chapter | 270 |
Shloks | लगभग 10000 श्लोक |
Downloads | 6537 downloads |
Varah Puran PDF in Hindi
भगवान श्री हरि विष्णु परम स्नेह माय है समय-समय पर उन्होंने धरती के उद्धार के लिए अलग-अलग अवतार लिया है। ऐसा ही एक अवतार उन्होंने कल पाठ में लिया था जब पूरी सृष्टि जल में डूब रही थी तब उन्होंने इस सृष्टि के उत्थान के लिए इस सृष्टि को पुनः जन्म देने के लिए उन्होंने वराह अवतार लिया था वराह अवतार लेकर उन्होंने इस सृष्टि को जल में डूबने से बचाया था और इस सृष्टि का उत्थान किया था। वराह पुराण में भगवान विष्णु के वराह अवतार की कथा को बहुत ही विस्तार रूप में वर्णित किया गया है जिसमें बताया गया है कि भगवान श्री विष्णु ने वराह अवतार कैसे और किन कारणों की वजह से लिया था। वराह अवतार को भगवान विष्णु का तीसरा अवतार माना गया है।
वराह पुराण में कुल 270 अध्याय हैं जिनमें भगवान विष्णु के वराह अवतार में दिए गए उपदेशों एवं धर्म विचारों को कथाओं के रूप में समाहित किया गया है। वराह पुराण मुख्य रूप से वैष्णव पुराण है और इसमें भगवान विष्णु की पूजा करने का नियम बताया गया है।
Varah Puran मे क्या है?
वराह पुराण मुख्य रूप से बहुत सारे सनातन उपदेश दिए गए हैं जिन्हें हासिल करना और इन उपदेशों को जिम्मेदारियों के साथ निभाना सभी मनुष्यों का जिम्मेदारी होना चाहिए।वराह पुराण में साधु एवं पुजारियों को अधिक से अधिक दान देने पर जोर दिया गया है। वराह पुराण में विष्णु पूजा करने की अनुष्ठान विधिपूर्वक करने की शिक्षा का विस्तृत व्याख्या किया गया है। इसमें महिषासुर वध की कथा को भी सम्मानित किया गया है इसके साथ-साथ पिंड दान की विधि का व्याख्यान भी इस पुराण में प्राप्त होता है। इस पुराण की सबसे खास विशेषता यह है कि वास्तविक धर्म की निरूपण की व्याख्या भी इस पुराण में विस्तार रूप में किया गया है।
वराह पुराण में त्रिशक्ति महिमा गणपति चरित्र कार्तिकेय चरित्र सूर्य चरित्रों का वर्णन ब्रह्मा महात्मा दक्ष चरित्रों का वर्णन देवी देवताओं की उपासना एवं उनके सुंदर चरित्रों का वर्णन पूजा पाठ की विधि सहित कई महत्वपूर्ण तत्वों का विस्तृत व्याख्यान किया गया है। इसके अलावा वराह पुराण में समुद्र मंथन की कथा कुरमा अवतारों की कथा चंद्रमा के चरित्र वर्णन पित्र गाना मत्स्य अवतारों की कथा श्राप पुण्य पाप आशीर्वाद आदि कई महत्वपूर्ण विषयों के बारे में विस्तार रूप में वर्णन किया गया है। सभी धर्म कर्मों में दान दक्षिणा करने की महत्व और उसकी विधि का व्याख्यान भैंस पुराण में किया गया है। दोस्तों इस पुराण में भगवान विष्णु के 10 अवतारों की कथाओं का वर्णन विस्तृत रूप में किया गया है। भगवान विष्णु ने 12 अलग अलग महीनों में 10 अवतार लिए थे उन देशों अवतारों का वर्णन इस प्लान में विस्तृत रूप में किया गया है ।
वराह पुराण में भगवान विष्णु ने 10 ऐसे कामों को मर करने से मना किया था जिससे पूजा पाठ में नकारात्मक प्रभाव और नकारात्मक उर्जा आती है।
Conclusion
आज का हमारा यह लेख वराह पुराण के ऊपर केंद्रित था ।आज के इस लेख में हमने वराह पुराण के बारे में बताया ।यदि आप वराह पुराण को पूरा पढ़ना चाहते है तो हमारे द्वारा दी गई लिंक के जरिए वराह पुराण की पीडीएफ को डाउनलोड कर के इसे पूरा पढ़ सकेंगे।
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