Brahma Puran PDF Download in Hindi – Mypdfhub

Brahm Puran

Brahma Puran PDF Download  – सनातन धर्म के 18 महत्वपूर्ण पुराणों में से पहला पुराण ब्रह्म पुराण है। ब्राह्मण पुराण को महापुराण भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सृष्टि की रचना से लेकर मानव के आगमन तक का वर्णन है। ब्रह्म पुराण को महर्षि वेदव्यास के द्वारा संस्कृत भाषा में लिखी गई थी।ब्रह्म पुराण में 246 अध्याय और लगभग 10000 श्लोक हैं।

 दोस्तो कहा जाता है कि ब्रह्म पुराण में कथा के प्रवक्ता स्वयं सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी है जिन्होंने देवी पार्वती के पिता जी दक्ष को ब्रह्म पुराण की कथा सुनाई थी। ब्रह्म पुराण प्रथम वैदिक पुराण ग्रंथ है जो सनातन धर्म के 18 पुराणों में से पहला स्थान रखता है। ब्रह्म पुराण के 246 अध्याय को दो भागों में बांटा गया है पहला पूर्व भाग और उत्तर भाग। दोस्तों यदि आप भी पुराणों को पढ़ने में रुचि रखते हैं और Brahma Puran PDF Download को डाउनलोड कर इसे पूरा पढ़ना चाहते है तो आज के हमारे इस लेख से आप ब्रह्म पुराण की पीडीएफ को डाउनलोड करके पूरा पढ़ सकेंगे।

Book name Brahma Puran PDF Download
Book Author nameब्रह्म देव
PDF size26.9MB
Pages370
CategoryPuraan
LanguageHindi

Brahma Puran PDF Download

ब्रह्म पुराण का आरंभ नीम सारण नामक स्थान जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर के पास है ,नीम सारण में एक बार बहुत सारे ऋषि मुनि इकट्ठा थे तो वहां पर सूत जी का आगमन होता है उसके बाद सभी ऋषि मुनि उनसे सवाल पूछना शुरू करते हैं तो सूत जी ने जो ब्रह्माजी से सुना था उसे कथा के रूप में उन लोगों को सुनाया।

ऐसा कहा जाता है कि जब इस सृष्टि की शुरुआत हो रही थी तो नारायण यानी कि भगवान ने सबसे पहले जल का निर्माण किया। ब्रह्म पुराण वेद तुल्य है। धर्म ग्रंथ के अनुसार ब्रह्म पुराण को जो इंसान श्रद्धा के साथ पढ़ता है और इसकी कथा को ध्यानपूर्वक सुनता है वह विष्णु लोक को प्राप्त होता है। ब्रह्म पुराण के अनुसार जो भी मनुष्य किसी दूसरे के लिए अपना सर्वस्व यानी कि सब कुछ दान करता है उसे भगवान का दर्शन जरूर होता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति भगवान श्री हरि विष्णु के चरणों में मन लगाकर ब्रह्म पुराण की कथा सुनता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और भी इस संसार में सुखों को भोग कर मरने के बाद भी स्वर्ग लोक में सुखों का भोग करता है। ब्रह्म पुराण को सभी वर्णों के लोग पढ़ सकते हैं और इसकी कथा का श्रवण कर सकते हैं।

Brahma Puran मे क्या लिखा है?

ब्रह्म पुराण में मुख्य रूप से सृष्टि की उत्पत्ति की कहानी गंगा की कहानी राम और कृष्ण के अवतार की कहानी एक तरह से कह सकते हैं हम की सृष्टि की रचना से लेकर सिंधु घाटी सभ्यता तक की पूरी कहानी को ब्रह्म पुराण में समेटा गया है।

 ब्रह्म पुराण के पहले भाग जिसे पूर्व भाग का नाम दिया गया है इसमें देवताओं एवं असुरों का वर्णन, भगवान सूर्य के वंश का वर्णन भगवान श्री राम के अवतार की कथा, भगवान श्री कृष्ण का चरित्र वर्णन ,चंद्र वंश का वर्णन, पृथ्वी के समस्त द्वीपों पाताल लोक एवं स्वर्ग का वर्णन पार्वती के जन्म एवं विवाह की कथा समाहित है। ब्रह्म पुराण के दूसरे भाग जिसे उत्तर भाग का नाम दिया गया है इसमें यमलोक का वर्णन पितरों के श्राद्ध की विधि वर्णों तथा आश्रमों के धर्मों का निरूपण, युगों का निरूपण, प्रलय का वर्णन, योग तथा सा के सिद्धांतों का प्रतिपादन समाहित है।ब्रह्म पुराण का एक परिशिष्ट और उप पुराण भी है जिसमें उड़ीसा के प्रसिद्ध कोणार्क मंदिर का वर्णन प्राप्त होता है।

एक कथा के अनुसार देवी पार्वती भगवान शिव को अपना पति बनाने के लिए कठोर तपस्या कर रही थी तभी पास के सरोवर में डूब रहे उन्हें एक बच्चे की करुण पुकार सुनाई पड़ी । बच्चे की आवाज सुनकर मां पार्वती उस बच्चे के पास पहुंची तो मां पार्वती ने देखा कि उस बच्चे की एक पैर को गृह ने पकड़ रखा था जिस कारण बच्चा थरथर कांप रहा था फिर मां पार्वती ने ग्रह से विनती किया कि वह इस बच्चे को जाने दे तो ग्रह ने जवाब दिया कि भगवान ने मेरे लिए यह नियम बनाया है कि जो भी छठे के दिन तुम्हारे पास आए तो तुम उसे अपना आहार बना लेना।

ग्रह का यह जवाब सुनने के बाद मां पार्वती ने उससे कहा कि तुम इस बच्चे को जाने दो मैं अपने कठोर तपस्या का सारा पुण्य तुम्हें दे दूंगी । यह सुनने के बाद ग्रह मां पार्वती के बातों से सहमत हो जाता है और वह बच्चे को जाने देता है फिर मां पार्वती ने अपने जीवन की संकल्प करके पूरी तपस्या का पुण्य उस ग्रह को दे देती है। उस बच्चे को बचाकर मां पार्वती काफी खुश होती है और वह अपनी आश्रम आकर पुनः तपस्या में बैठ जाती है तभी भगवान शिव शंकर उनके सामने प्रकट होते हैं और कहते हैं कि हे देवी अब तुझे तपस्या करने की कोई आवश्यकता नहीं है तुमने जो अपने तपस्या का पूरा पुण्य उस ग्रह को दिया था वह तुमने मुझे ही अर्पित किया था जिसका फल अब अनंत गुना हो गया है।

Conclusion

दोस्तों हमारे आज के इस लेख के माध्यम से आपने ब्रह्म पुराण के बारे में जान पाया होगा। हमारे द्वारा दी गई पीडीएफ को डाउनलोड करके आप ब्रह्म पुराण को पूरा पढ़ सकते हैं।

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