Prachin Bharat ka Itihas In Hindi PDF – हमारे प्यारे भारत का इतिहास कोई हजार या 500 साल पुराना नहीं है बल्कि हमारे भारत का इतिहास लाखो लाखो वर्ष पुराना है। वैज्ञानिकों के अनुसार हमारा भारत देश मैडगास्कर के द्वीप से टूटकर बना है। वैसे तो हमारे देश का इतिहास लाखो वर्ष पुराना है लेकिन हमें इसकी लिखित रूप से जानकारी हड़प्पा सभ्यता के समय से प्राप्त होती है और हड़प्पा सभ्यता के समय से ही हम अपने भारत देश के इतिहास के बारे में जान पाते हैं।
माना जाता है कि इंसान अभी अपने जिस रूप में है उसे इस रूप में पहुंचने में कई पीढ़ी लग गए हैं। समुद्र में कोशिकाओं का निर्माण हुआ उसके बाद कई अलग-अलग जीवो की प्रजातियां का निर्माण हुआ उनमें से एक मनुष्य है और मनुष्य को कई पीढ़ियां लग गई अभी के इस रूप को पाने में। दोस्तों यदि आप हमारे प्यारे भारत का प्राचीन इतिहास के बारे में जानना चाहते हैं तो आज के इस लेख Prachin Bharat ka Itihas In PDF के माध्यम से हम हमारे देश के इतिहास के बारे में बताएंगे। यदि आप इस जानकारी को पाना चाहते हैं तो बनी रहे अंत तक हमारे इस लेख के साथ।
Prachin Bharat ka Itihas In Hindi PDF
शुरुआत में मनुष्य जाति पूर्व विकसित नहीं थी और मनुष्य भी जानवरों की तरह है कच्चे भोजन बिना कपड़ों के और बिना कोई घर के रहा करते थे लेकिन धीरे-धीरे मनुष्य ने आग की खोज की और यह मानव सभ्यता की सबसे बड़ी खोज मानी जाती है। आग की खोज होने के बाद मनुष्य का जीवन पूरी तरह से बदल गया और धीरे-धीरे मनुष्य सभी चीजों के बारे में जानने लगा। भोजन की तलाश में मनुष्य घुमक्कड़ की जीवन जिया करते थे और इसी दौरान मनुष्य ने पहिए की भी खोज कर ली आग और पहिए की खोज के बाद मनुष्य के जीवन पूरी तरह से बदल गया अब लोग समूह बनाकर रहना सीख गए थे। धीरे-धीरे इंसानों ने भोजन होगा ना और भोजन को पका कर खाना भी सीख लिया।
जब मनुष्य ने समूह बनाकर नदियों के किनारे रहना सीख लिया तो यहीं से मानी जाती है सभ्यताओं की शुरुआत की। इसी प्रकार चार मनुष्य की सभ्यता की शुरुआत हुई जिसे हम आज चीनी सभ्यता मिस्र की सभ्यता मेसोपोटामिया की सभ्यता और हड़प्पा सभ्यता के रूप में जानते हैं। इन चारों सभ्यताओं में सबसे ज्यादा विकसित हड़प्पा सभ्यता को माना गया है जो सिंधु नदी के किनारे विकसित हुई थी वर्तमान में यह जगह पाकिस्तान के अंतर्गत आता है।
हड़प्पा सभ्यता की शुरुआत 2500 से लेकर 1700 ई सा.पूर्व मानी गई है। हड़प्पा सभ्यता को सभी सभ्यताओं से ज्यादा विकसित माना जाता है क्योंकि इस सभ्यता में सड़कें के साथ-साथ लोगों ने अपना घर बनाना भी सीख लिया था। इस सभ्यता का सबसे बड़ा शहर मोहनजोदड़ो को माना जाता है जो कि वर्तमान में पाकिस्तान में है। भारत में इस सभ्यता का सबसे बड़ा शहर राखीगढ़ी को माना जाता है। हड़प्पा सभ्यता की सड़कें और यहां के लोग उत्तम स्तर की जीवन जिया करते थे। सबसे पहले इसी सभ्यता में कपास की खेती की गई थी और लोगों ने कपास से अपना वस्त्र बनाना भी सीख लिया था। हड़प्पा सभ्यता के लोगों ने पशुपतिनाथ देव को अपना भगवान माना था और इसकी पूजा करते थे। यह सभ्यता उस वक्त भी इतना विकसित था कि इस सभ्यता में लोगों ने बंदरगाह का निर्माण भी कर दिया था जिसे वे व्यापार के लिए इस्तेमाल करते थे। एक ही सभ्यता में चार अलग-अलग मुद्राएं हो की उपस्थिति होने की वजह से हम कह सकते हैं कि इस सभ्यता के लोग व्यापार करने के लिए आपस में एक दूसरे के यहां आया जाया करते थे।
समय के साथ साथ किसी कारणवश इस सभ्यता का विनाश हो गया और इसके बाद शुरू हुआ वैदिक काल। वैदिक काल को पंद्रह सो इस अपूर्व से 600 ईसा पूर्व तक माना जाता है। इसी काल में भारतीय संस्कृति के चार प्रमुख वेदों का निर्माण किया गया था। पीढ़ी दर पीढ़ी इन वेदों का निर्माण वैदिक काल में किया गया है। इन चार वेदों में भारतीय संस्कृति से जुड़ी अनेक ज्ञान ओं का वर्णन प्राप्त होता है। चारों वेदों में बहुत सारी तंत्र मंत्र का विस्तार रूप में वर्णन प्राप्त होता है। हड़प्पा सभ्यता के मुकाबले में वैदिक काल एक ग्रामीण सभ्यता थी जबकि हड़प्पा सभ्यता को शायरी सभ्यता माना जाता है।
वैदिक काल को भी मुख्य रूप से दो भागों में बांटा गया है पूर्व वैदिक काल और उत्तर वैदिक काल। उत्तर वैदिक काल में आर्यों का आगमन हुआ और वे जानवरों का इस्तेमाल करते थे। उत्तर वैदिक काल में ही भारत के उत्तर के भूमि को कृषि योग्य बनाया गया और आर्य ने पुण कृषि का कार्य शुरू किया। वैदिक काल मैं लोग भगवान इंद्र की पूजा किया करते थे।
Conclusion
दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको प्राचीन भारत के इतिहास के बारे में बताया। वैसे तो इस छोटी सी लेख में प्राचीन भारत के इतिहास को पूरा कर पाना मुश्किल है यदि आप प्राचीन भारत के इतिहास के बारे में पूरा पढ़ना चाहते हैं तो हमारे द्वारा दी गई लिंक के जरिए आप इसकी पीडीएफ डाउनलोड करके से पूरा पढ़ सकते हैं।
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