Vardan Story By Premchand PDF Download in Hindi

Vardan PDF Download

Vardan Story By Premchand PDF – दोस्तों आज के इस लेख में हम उपन्यास सम्राट के नाम से मशहूर मुंशी प्रेमचंद जी के द्वारा लिखी गई उपन्यास वरदान के बारे में जानेंगे। मुंशी प्रेमचंद जी के द्वारा लिखी गई उपन्यास वरदान पूर्णता एक आदर्शवादी उपन्यास है। जैसा कि हम सभी जानते हैं की मुंशी प्रेमचंद अपने प्रारंभिक जीवन में आदर्शवाद के समर्थक थे परंतु बाद में वे आदर्शवाद मुक्त उपन्यासों के समर्थन में आ गए थे। मुंशी प्रेमचंद ने सबसे पहले इस उपन्यास को उर्दू भाषा में लिखा था लेकिन बाद में जब उन्होंने हिंदी भाषा में भी उपन्यास लिखना शुरू किया उन्होंने  वर्ष 1921 में इस उपन्यास का हिंदी अनुवाद किया।

वरदान उपन्यास में मुंशी प्रेमचंद्र ने तीन परिवारों के जीवन की कहानी के बारे में बताया है। यह उपन्यास आदर्शवादी उपन्यासों के गिनती में बहुत ही चर्चित उपन्यास माना जाता है। दोस्तों यदि आप भी उपन्यासों को पढ़ने में रुचि रखते हैं और मुंशी प्रेमचंद जी के द्वारा लिखी गई वरदान उपन्यास के बारे में जानना चाहते हैं तो आज क्या हमारा यह लेख आपके लिए ही है। आज के इस लेख के माध्यम से हम Vardan Story By Premchand के बारे में विस्तार से जानेंगे। आज के इस लेख के माध्यम से हम आपको इस उपन्यास की पीडीएफ का लिंक भी देंगे जिसके जरिए आप इस उपन्यास की पीडीएफ को डाउनलोड करके इसे पूरा पढ़ सकता है। दोस्तों बने रहिए अब तक हमारे इस लेख के साथ।

Book NameVardan
Author Munsi Premchand 
        Language Hindi
    Year1921
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Vardan Story PDF Download in Hindi

वरदान उपन्यास में मुंशी प्रेमचंद ने 3 परिवारों के कहानियों को रखा है। पहला परिवार है मुंशी शालिग्राम जिसकी पत्नी का नाम सुवामा है और इन दोनों का एक बेटा है जिसका नाम है प्रताप चंद्र जो इस उपन्यास का नायक भी है अर्थात हम उसे इस उपन्यास का मुख्य किरदार भी कह सकते हैं। इस उपन्यास की कहानी में दूसरा परिवार है मुंशी संजीवन लाल जिसकी पत्नी का नाम सुशीला है और उनकी बेटी का नाम ब्रिज रानी है और इस उपन्यास की कहानी का तीसरा परिवार है डीपी श्यामाचरण का जिसकी पत्नी का नाम है प्रेमवती और बेटे का नाम कमला चरण है।

यह उपन्यास की कहानी बनारस से लेकर थोड़ा प्यार तक ही सीमित है। मुंशी शालिग्राम की पत्नी सुवमा माता देवी से आशीर्वाद मांगती है कि उन्हें एक ऐसा पुत्र की प्राप्ति हो जो देश सेवा के लिए हमेशा तैयार रहें और जो देश सेवा के लिए अपनी जान तक देने को हाजिर रहे। माता देवी के आशीर्वाद से सुकमा को पुत्र की प्राप्ति होती है जिसका नाम उन्होंने प्रताप चंद्र कथा। एक बहुत ही सीधे-साधे व्यक्ति है और एक बहुत ही अब ईमानदार व्यक्ति है जो सिर्फ अपने काम से मतलब रखते हैं। जब मुंशी शालिग्राम के घर प्रताप चंद्र का जन्म होता है उस वक्त मुंशी शालिग्राम काफी वृद्ध अवस्था में जा चुके थे। प्रताप चंद्र जब 6 साल की उम्र का था तो 1 दिन मुंशी प्रेमचंद्र कुंभ के मेले में जाते हैं। मुंशी शालिग्राम को साधु-संतों के प्रति उनके हृदय में काफी माया थी इसलिए जब वे कुंभ के मेले में जाते हैं तो उसके बाद कभी अपने घर वापस नहीं आते हैं और कुछ सालों बाद उनकी वही मृत्यु हो जाती है। जब मुंशी शालिग्राम की मृत्यु होती है तो उन्होंने अपने परिवार के ऊपर काफी कर्ज ले रखा था जिसे बिना चुका है वे चले गए थे। प्रताप चंद्र की मां सुवाना अपने गहने और कुछ जमीन बेचकर उन कर्जों को चुकाती है। कर्ज चुकाने के लिए प्रताप चंद्र की माता ने अपने सभी प्रॉपर्टी भेज दिए थे अपने पास सिर्फ उन्होंने अपना घर रखा था। कुछ दिनों बाद उन्होंने अपना आधा घर मुंशी संजीवन लाल को किराए पर दे दिया। बृजरानी मुंशी संजीवन लाल की ही पुत्री थी। बृजरानी और प्रताप चंद्र में बचपन से ही अच्छी दोस्ती थी और जैसे-जैसे बड़े हुए दोनों में आपसी प्रेम भी बढ़ता गया और दोनों आपस में एक दूसरे से बहुत प्रेम करने लगे। डिप्टी श्यामाचरण की पत्नी प्रेमवती और मुंशी संजीवन लाल की पत्नी सुशीला यह दोनों काफी अच्छे दोस्त थे। एक दिन प्रेमवती मुंशी संजीवन लाल के घर आती है तो वह उनकी बेटी बृजरानी को देखकर अपने बेटे कमला चरण के लिए उसका हाथ मांग लेती है। प्रेमवती का बेटा कमला चरण बचपन से ही नालायक था और सिर्फ घूमने फिरने में ध्यान लगाता था। बृजरानी के माता-पिता इस रिश्ते को स्वीकार कर लेते हैं और कुछ दिनों बाद कमला चरण और विजय रानी का विवाह हो जाता है। बृजरानी प्रताप चंद्र के साथ एक ही स्कूल में पढ़ती थी। प्रताप चंद्र को बचपन से ही बृजरानी से प्रेम था जिस कारण और उसका विवाह किसी और से हो गया तो उसके हृदय में बृजरानी के लिए नफरत उत्पन्न होने लगा था।

Conclusion

आज के इस लेख के माध्यम से हमने आपको कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी का एक बहुत ही चर्चित उपन्यास वरदान के बारे में बताया। यदि आप इस उपन्यास की कहानी को पूरा पढ़ना चाहते हैं तो हमारे द्वारा दी गई लिंक के जरिए आप इस उपन्यास की पीडीएफ को डाउनलोड करके से पूरा पढ़ सकेंगे।

हमें पूरी उम्मीद है कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा यदि आपको हमारा यह लेख पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर साझा करें एवं कमेंट में अपना विचार अवश्य दें।

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